"क्या तुम ने पूरी तरह समझ लिया हैं के इस्लाम क्या है ?
इस्लाम एक ऐसा दीन है जिस की बुनियाद हक ओ सदाक़त पर रखी गयी है.ये इल्म का एक ऐसा सरचश्मा है जिस से अक्ल ओ दानिश के मुतादिद चश्मे फूटते है.
ये एक ऐसा चिराग है जिस से ला तादाद चिराग रोशन होते रहे हैं.
ये एक ऐसा बुलंद रहनुमा बुलंद मीनार है जो अल्लाह की राह को रोशन करता है.
ये उसूलो और एय्ताक़दत का एक ऐसा मजमुआ है जो हक ओ सदाक़त के हर मुतालाशी को इत्मिनान बख्शता है.
ऐ लोगो ! जान लो के अल्लाह तालाह ने इस्लाम को अपनी बरतरीन खुशनूदी की जानिब एक शानदार रास्ता और अपनी अबुदियत और इबादत का बुलंद तरीन मेयार करार दिया है. इस ने इसे आला एहकाम, बुलंद उसूलो, मोह्किम दलाईल, नाकाबिल तरदीद तफूक़ और मुस्सलम दांश से नवाज़ा है.
अब ये तुम्हारा काम है के अल्लाह ताला ने इसे जो शान और अज़मत बख्शी है इसे कायम रखो. इस पर खुलूस दिल से अमल करो. इस के मुताक़दात से इंसाफ करो. इस के अहकाम और फरामीन की सही तौर पर तामील करो और अपनी जिंदगियो में इसे इस का मुनासिब मकाम दो."
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